Chhattisgarhकोरिया
क्या? भ्रष्टाचार छुपाना चाह रहे जन सूचना अधिकारी इस लिए आवेदक को नही दी जा रही जानकारी…

कोरिया जिले में सूचना के अधिकार अधिनियम का बुरा हाल चाल है। मनरेगा ऑनलाइन जैसे कार्यो में भी कुछ जिम्मेदार अधिकारी सांठ गांठ से हांथ साफ करने में महारथ हासिल कर बैठे है। और इतना जटिल, अड़ियल है कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली जाए तो आवेदन पर कोई कार्यवाही नही करते मानो सांप सूंघ गया हो। और तो और अपील अधिकारी के आदेश तक को नही मानते, तोड़ मरोड़ कर मानो खुद का कानून शासकीय संस्था में अपने हिसाब से चला रहे हो। मामला कोरिया जिले के बैकुंठपुर का है जहाँ सहायक संचालक उद्यान कार्यालय कोरिया में लगभग 3 महीने पूर्व सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत घुघरा नर्सरी में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यो से संबंधित आवेदक द्वारा आरटीआई पोर्टल के माध्यम से चाही गई थी किंतु जन सूचना अधिकारी सहायक संचालक ने 30 दिन की समयावधि बित जाने के बाद भी आवेदक को चाही गई जानकारी से संबंधित कोई भी पत्राचार नही किया । जिससे क्षुब्ध हो कर आवेदक ने समय रहते प्रथम अपील की प्रकरण की सुनाई हेतु तारीख तय हुई जिसकी सूचना भी आवेदक और उत्तरवादी को प्राप्त हुए सुनवाई तारीख को अपीलार्थी तो उपस्थित रहे पर उत्तरवादी सहायक संचालक उद्यान अनुपस्थित रहे और न ही उनका कोई प्रतिनिधि उपस्थित हुआ । प्रकरण सुनवाई में अपील अधिकारी ने सहायक संचालक को 15 दिवस के भीतर आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी निःशुल्क उपलब्ध कराने आदेशित किया । अपील अधिकारी के भी आदेश को ठेंगा दिखाते हुए जन सूचना अधिकारी सहायक संचालक उद्यान कोरिया ने आवेदक को कोई जानकारी नही दी न ही पत्राचार किया । मतलब साफ है। मनरेगा के तहत हुए कार्यो की जानकारी न देना कही न कही इस बात की ओर इशारा करता कि सहायक संचालक उद्यान भ्रष्टाचार को छुपाना चाहते है। भ्रष्टाचार उजागर न हो इस लिए जानकारी नही देना चाहते। खैर अब मामले में आगे आवेदक ने द्वितीय अपील के लिए प्रकरण को भेज दिया है । क्या कुछ निकल कर सामने आता है ये वक्त पर निर्भर है।
अगले पेज में हम आपको बताएंगे की कैसे मनरेगा कार्य मे उद्यान विभाग के जिम्मेदारों ने किया हांथ साफ….